अरब लीग के प्रमुख अहमद अबुल ग़ैस की मुस्लिम दुनिया में कड़ी आलोचना हो रही है। उनकी ये आलोचना फिलस्तीन को लेकर दिये बयान पर हो रही है।
दरअसल, अहमद अबुल ग़ैस ने हाल में मिस्र के एक टीवी चैनल से इंटरव्यू में कहाः “अरब देशों के और भी ज्वलंत मुद्दे हैं जिनसे निपटना चाहिए क्योंकि अरब जगत में बहुत बदलाव आया है।” उन्होने कहा कि अरब क्षेत्र 2010 की तुलना में इस समय कड़े समय से गुज़र रहा है।
अहमद अबुल ग़ैस ने यमन, सीरिया और लीबिया संकट की ओर इशारा करते हुए कहाः “अरब राष्ट्रों को हाल में बहुत ही कठिन समय का सामना करना पड़ा।” उन्होंने कहाः “हमें अरब शासकों की ग़लती को नहीं भूलना चाहिए जिसकी वजह से क्षेत्र को त्रासदियों का सामना हुआ।”

बता दें कि अरब राज्यों का लीग आमतौर पर अरब लीग कहा जाता है। यह उत्तरी अफ्रीका, पूर्वोत्तर अफ्रीका और दक्षिण पश्चिम एशिया (मध्य पूर्व) के अरब राज्यों का क्षेत्रीय संगठन है। इसका 22 मार्च 1945 को छह सदस्यों के साथ गठन किया गया था, जिसमें काहिरा में जॉर्डन) मिस्र, इराक, ट्रांसजॉर्डन (1949 में जॉर्डन), लेबनान, सऊदी अरब और सीरिया शामिल थे।
फिलहाल अरब लीग में मिस्र, इराक, सऊदी अरब, लेबनान, यमन, जार्डन, सीरिया, लीबिया, सूडान, मोरक्को, ट्यूनीशिया, कुवैत, अल्जीरिया, बहरीन, ओमान, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरिटानिया, सोमालिया, फलस्तीन, जिबूती और कोमोरोस शामिल हैं।