वाशिंगटन | प्रधानमंत्री मोदी के नोट बंदी फैसला का चाहे लोग कितना भी विरोध करे या समर्थन लेकिन इस फैसले ने दुनिया भर में भारत को चर्चा में जरुर ला दिया है. अमेरिका के पूर्व वित्त मंत्री ने मोदी सरकार के इस फैसले पर कई गंभीर सवाल उठाये है. उन्होंने कहा की इससे समाज का सरकार के ऊपर से विश्वास उठ गया है.
अमेरिका के पूर्व वित्त मंत्री लॉरेंस एच. समर्स ने एक शोध छात्रा नताशा सरीन के साथ लिखे ब्लॉग में कहा की मोदी सरकार का यह कदम उस तरह का ही जैसे कुछ निर्दोष लोगो को सजा दे दी जाती है और अपराधी लोग छुट जाते है. इससे समाज में अराजकता का माहौल पैदा हो गया है. जो किसी भी स्वतंत्र समाज की भावना के खिलाफ है.
समर्स ने आगे लिखा की बड़े नोट बंद कर देने से उन लोगो को काफी मुश्किलें हुए जिन्होंने अभी अभी नकद अपने पास रखा था. सरकार का फैसला आते है वो सब कागज़ का एक टुकड़ा बनकर रह गए. इससे देश में अव्यवस्था और खलबली मच गयी. छोटे व्यापारी जिनका सारा कारोबार नकद में होता है , वो कंगाली की कगार पर है. दुकानों में सन्नाटा छाया हुआ है.
समर्स ने नोट बंदी को एक नाटकीय कार्यवाही बताते हुए लिखा की यह इस दशक का , मुद्रा निति ने सबसे बड़ा बदलाव है. भारत में बहुत लोगो के पास अवैध तौर पर इकठ्ठा की हुई नकदी है लेकिन कुछ लोगो के पास वैध तौर पर इकठ्ठा की गयी नकदी है. इससे भारत में भ्रष्टाचार और अवैध धन की परिभाषा पर व्यापक बहस हो सकती है. इसके अलावा जिन लोगो के पास कालाधन है भी वो नकदी के रूप में बहुत कम और संपत्ति, सोना और विदेशो में जमा धन ज्यादा है.