पाक के खिलाफ अमेरिका को नहीं मिला चीन का साथ, सुनने को मिली खरी-खरी

pak and china

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पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता को रोके जाने के बाद अमेरिका ने पाक पर दबाव बनाने के लिए चीन से जो उम्मीद जताई थी. उसमें उसे निराशा ही हाथ लगी है. चीन ने अमेरिका को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान पर उंगली उठाने से आतंकवाद से लड़ने में मदद नहीं मिलेगी.

दरअसल, अमेरिका ने चीन पर दबाव डाला था कि वह पाकिस्तान को कथित आतंक के खिलाफ अमेरिका की मर्जी के मुताबिक़ काम करे. लेकिन चीन ने पाकिस्तान का बचाव करते हुए दो टूक कहा कि इस्लामाबाद को आतंकवाद के साथ जोड़ना ‘हितकर’ नहीं होगा.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा, “हमने कई बार कहा है कि पाकिस्तान ने वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ महत्वपूर्ण त्याग और योगदान दिया है और देशों को एक दूसरे पर उंगली उठाने के बजाए समान हितों के आधार पर आतंकरोधी सहयोग को मजबूती देनी चाहिए.”

लु कांग ने कहा, “चीन हमेशा से किसी देश विशेष को आतंकवाद से जोड़ने का विरोध करता रहा है और हम किसी एक देश पर आतंकरोधी गतिविधियों की जिम्मेदारी नहीं थोप सकते.” उन्होंने कहा, “वास्तव में, चीन उन देशों का बचाव करता है, जो आतंकरोधी प्रयासों का सही तरीके से निर्वहन करते हैं. चीन आपसी विश्वास और सम्मान के आधार पर आतंकवाद के मामले पर सभी वैश्विक संयुक्त प्रयासों का भी स्वागत करता है.”

ध्यान रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ट्वीट कर कहा था कि उनका प्रशासन पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सहायता पर रोक लगा रहा है क्योंकि उसने धन का इस्तेमाल आतंकवाद को खत्म करने के लिए नहीं किया. इसी के साथ अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता पर रोक लगा दी है.

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