दुनिया के किसी भी कौने में आतंकी घटना होते ही मुस्लिम कौम पर उँगलियाँ उठा दी जाती है. इस्लाम धर्म को कठघरे में खड़ा कर दिया जाता है. लेकिन सबसे बड़ा सच ये है कि दुनिया के करीब 95 फीसद आतंकी घटनाओं को गैर मुस्लिमों ने अंजाम दिया है.
इस बात का खुलासा अमेरिका की खुफ़िया संस्था एफबीआई के आकड़ों में हुआ है. 1980 से साल 2005 के बीच हुए 94 फ़ीसदी चरमपंथी हमलों में ग़ैर-मुसलमान शामिल थे. इसके साथ ही 1970 और 2012 के बीच संयुक्त राज्य पर कुल आतंकी हमलों में लगभग 2.5% मुसलमान शामिल थे.
आकड़ों से पता चला की अमेरिका में मुस्लिमों की तुलना में यहूदियों ने सबसे ज्यादा आतंकी वारदातों को अंजाम दिया. वहीँ पुरे यूरोप की बात करें तो 1% से कम आतंकवादी हमले मुसलमानों द्वारा किए गए. ध्यान रहे इस्लामी धर्मगुरुओं ने आतंकी संगठनों और आतंकियों को इस्लाम से खारिज किया हुआ है.
यूरो पोल के आंकड़ों के अनुसार, साल 2009 में यूरोप में 249, साल 2010 में 294 आतंकी वारदात हुई. 2009 में केवल एक हमले में संदेह किसी मुसलमान पर गया और 2010 में तीन घटनाओं में मुसलमानों के शामिल होने की बात सामने आई.
दुनिया भर में होने वाली चरमपंथी घटनाओं के बारे में जानकारी इकट्ठा करने वाले संगठन ग्लोबल टेररिज़्म डेटाबेस के मुताबिक़ साल 1970 के बाद से 1,70,000 चरमपंथी घटनाएं हुई हैं. जिसमें 1970 से 83,000 से अधिक बम विस्फोट, 18,000 हत्याएं और 11,000 अपहरण शामिल है.
ग्लोबल टेरेरिज़्म इंडेक्स 2014 के अनुसार साल 2013 में दुनिया भर में 10 हजार आतंकवादी हमले हुए हैं जो 2012 की तुलना में 44 प्रतिशत ज़्यादा हैं, इन हमलों में 17958 लोग मारे गए.
रिपोर्ट के अनुसार आतंकवादी हमलों में होने वाली 80 प्रतिशत मौतें इराक़, सीरिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और नाईजीरिया में हुई हैं. जिनमें कुल 14722 लोग मारे गए हैं, रिपोर्ट के अनुसार 162 देशों में आतंकवाद से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाला देश इराक़ है, दुसरे स्थान पर अफगानिस्तान है. इस सूची के अनुसार भारत आठवें नंबर पर है.