एक दर्जन से अधिक नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने म्यांमार की नेता आंग सान सू की आलोचना करते हुए कहा कि वह रोहिंग्या मुसलमानों के मानवीय अधिकारों को बनाए रखने में नाकाम रही. उन्होंने तत्काल कारवाई की मांग करते हुए इस “जातीय सफाई और मानवता के खिलाफ अपराध” को रोके जाने की मांग की हैं.
डेसमंड टूटू और शिरीन इबादी ने इस बारें में कहा कि ‘आंग सान सू की से हम निराश हो चुके हैं. कई बार की गई अपीलों के बावजूद उन्होंने रोहिंग्या, को पूर्ण और समान नागरिकता के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए कोई पहल नहीं की है. उन्होंने आगे कहा, सू की एक नेता है और उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी बनती हैं कि साहस, मानवता और करुणा के साथ नेतृत्व करे.
पत्र में आगे कहा गया कि ये हिंसा सूडान के पश्चिमी दारफुर क्षेत्र में 1994 में हुए नरसंहार सहित बोस्निया और कोसोवो की याद दिलाती हैं. हाल के सप्ताहों में 27,000 से अधिक मुस्लिम अल्पसंख्यकों को अराकान से सशस्त्र समूहों द्वारा पलायन करने के लिए मजबूर किया गया. इस कारवाई में कम से कम 86 लोगों की मौत हुई हैं.
अमेरिका स्थित थिंक टैंक के वैश्विक नीति केंद्र के अज़ीम इब्राहिम, ने अल जजीरा को बताया कि यह पहली बार एक नोबेल शांति पुरस्कार विजेता की उसके साथी पुरस्कार विजेताओं ने इतनी बड़ी संख्या में निंदा की.