बहरीन और इजरायल के बीच सबन्धों को बनाने को लेकर हुई डील पर जॉर्डन ने कहा कि इजरायल से निष्पक्ष शांति प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।
विदेश मंत्री अयमान सफादी ने कहा कि इजरायल को दो राज्य समाधानों को कमजोर करने और फिलिस्तीनी भूमि पर अपने अवैध कब्जे को समाप्त करने के लिए प्रक्रियाओं को रोकना चाहिए। वहीं इस डील को मोरोकैन तौहीद और इस्लाह आंदोलन ने इस समझौते को फिलिस्तीनियों के साथ विश्वासघात करार दिया।
आंदोलन के प्रमुख, अब्दुर्रहीम शेही ने अनादोलु एजेंसी को बताया कि बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), जिन्होंने पिछले महीने इजरायल के साथ एक समान समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, ने मुश्किल चुनाव के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के हितों की सेवा की।
शेही ने कहा कि बहरीनऔर यूएई की जनता निश्चित रूप से डील को अस्वीकार करते रहेंगे और समझौतों में बने रहेंगे। बहरीन इजरायल के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले चौथा अरब राष्ट्र हैं। 1979 में मिस्र , 1994 में जॉर्डन और अगस्त में संयुक्त अरब अमीरात ने इजरायल के साथ अपने सबंध स्थापित किए है।
Joint Statement of the United States, the Kingdom of Bahrain, and the State of Israel pic.twitter.com/xMquRkGtpM
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) September 11, 2020
बहरीन-इजरायल डील को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा कर कहा है कि 30 दिन के भीतर इस्राइल के साथ शांति समझौता करने वाला दूसरा अरब देश। एक और ऐतिहासिक सफलता। हमारे दो महान दोस्त शांति समझौते के लिए सहमत हैं। ट्रंप ने संवाददाताओं को बताया कि शांति और सहयोग की भावना से प्रेरित होकर नेतन्याहू और अल खलीफा इस पर सहमत हुए हैं कि बहरीन इजराइल के साथ अपने राजनयिक संबंधों को पूरी तरह सामान्य करेगा।