गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों के मौत के बाद से ही डॉक्टर कफील खान की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। बीते दिनों उनके भाई पर जानलेवा हमला हुआ था। हमलावरों के बारें मे अब तक कोई सुराग नहीं है।
अब उनके बड़े भाई अदील अहमद खान और तीन के खिलाफ पुलिस ने जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया है। उनके ऊपर फेक ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल करके साल बैंक अकाउंट खुलवाने का आरोप लगा है।
शहर के राजघाट इलाके के शेखपुर इलाके में मुजफ्फर आलम नामक एक व्यक्ति ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर से शिकायत की कि वर्ष 2009 में अदील और फैजान ने उसके नाम से फर्जी दस्तावेजों के सहारे सिनेमा रोड स्थित एक बैंक में खाता खुलवाया।
Gorakhpur: A case of fraud has been registered against Dr Kafeel Khan's elder brother Adil Ahmad Khan and two others. The FIR states that they opened a bank account in 2009 using fake driving license as a document.
— ANI UP (@ANINewsUP) July 3, 2018
मुजफ्फर आलम के शिकायती पत्र के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली के क्षेत्राधिकारी अतुल चौबे को मामले की जांच के आदेश दिए। सीओ कोतवाली की जांच में मामला सही पाए जाने के बाद एसएसपी के आदेश पर अदील और फैजान पर कैंट थाने में केस दर्ज किया गया। पुलिस फिलहाल इस मामले में जांच कर रही है।
बता दें कि अदील ने सोमवार को ही मीडिया में एक पत्र जारी कर फर्जी मुक़दमे में फंसाए जाने की पहले ही आशंका व्यक्त की थी. उन्होंने पत्र में पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि भाई काशिफ को गोली मारे जाने के मामले में उच्च अधिकारियों से शिकायत करने पर पुलिस उन्हें, उनके दो भाई डॉ कफील और काशिफ को फर्जी मुकदमें फंसाने की साजिश कर रही है।
एसएसपी माथुर ने बताया, ‘एक शिकायती पत्र मिला था कि यूनियन बैंक में फर्जी बैंक खाता खोला गया है और खाते से दो करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच के दौरान पाया कि यह शिकायत सही है। बैंक में फर्जी खाता मो. फैजान के नाम से खोला गया था, जिसमें मुजफ्फर आलम के फोटो का इस्तेमाल किया गया था। खाता खुलवाने के लिए जिस ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल किया गया वह भी फर्जी था। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है कि आखिर एक फर्जी बैंक खाते से दो करोड़ रुपये की बड़ी रकम का लेनदेन क्यों किया गया।
डॉ. कफील खान पिछले साल गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की हुई मौत के मामले में आरोपी हैं। इसके लिए कफील को जेल हुई थी। वह सात माह बाद बाहर आ पाए थे। पिछले माह 10 जून को उनके भाई काशिफ को बदमाशों ने गोली मार दी थी। काशिफ के हाथ, गर्दन के पास गोलियां लगी थीं। काशिफ की हालत अब ठीक बताई जा रही हैं।