बीते दिनों केरल के पलक्कड़ जिले में एक आदिवासी व्यक्ति को एक किलो चावल चुराने के आरोप में स्थानीय लोगों ने पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले को मशहूर क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की. लेकिन जब सामने आया तो फिर मांगी मांगकर मामला रफा-दफा कर दिया.
Madhu stole 1 kg rice. A mob of Ubaid , Hussain and Abdul Kareem lynched the poor tribal man to death. This is a disgrace to a civilised society and I feel ashamed that this happens and kuch farak nahi padta. pic.twitter.com/LXSnjY6sF0
— Virender Sehwag (@virendersehwag) February 24, 2018
दरअसल, सहवाग ने इस मामले में ट्वीट कर कहा कि ‘मधु ने एक किला चावल चुराया था. उबैद, हुसैन और अब्दुल करीम की भीड़ ने इस गरीब आदिवासी को मौत के घाट उतार दिया. ये एक सभ्य समाज के नाम पर कलंक है. मुझे शर्म आती है कि ये सब हुआ और किसी को कोई फर्क भी नहीं पड़ता.’
Full story – It was a mob of more than 10 people. Murali, Manu and Mathachan are the names of some of the others in the mob. But thanks for posting this. Your dog-whistling has been duly noted and I hope you get rewarded for it.
And please don't spread lies.— omprakash chaudhary (@MatwaOmprakash) February 24, 2018
इस ट्वीट में सहवाग ने तीन मुस्लिम आरोपियों के नाम देकर इस घटना को मुस्लिमों से जोड़ने की कोशिश की. जबकि इस हत्याकांड में अब तक पुलिस 16 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. जिसमें अन्य संप्रदायों के लोग भी शामिल हैं. ऐसे में जब लोगों ने सहवाग से सवाल किया कि आप इस भयावह अपराध के पीछे धर्म क्यों देख रहे हैं.
Non acceptance of a fault is itself a 2nd fault.I apologise I missed out on more names involved in this crime bcoz of incomplete info & sincerely apologise 4 it but the tweet is not communal at all.Killers r divided by religion but united by a violent mentality. May there b peace https://t.co/2ucRSInc96
— Virender Sehwag (@virendersehwag) February 24, 2018
इसके बाद सहवाग ने दूसरा ट्वीट करते हुए कहा कि मैं माफी चाहूंगा कि मुझसे और लोगों के नाम अधूरी जानकारी की वजह से छूट गए मैं इसके लिए तहेदिल से माफी मांगता हूं लेकिन मेरा ट्वीट किसी भी तरह से सांप्रदायिक नहीं था. हत्यारे धार्मिक रूप से अलग भले हों लेकिन हिंसक मानसिकता की वजह से वे एक हैं.
बता दें कि कडूकुम्न्ना निवासी 27 वर्षीय आदिवासी युवक ए.मधु को कुछ लोगों ने गुरुवार शाम को जंगल से पकड़ा था. वे उसे पीटते हुए बाहर लाए और उसे रस्सियों से बांध दिया और उसकी बेदर्दी के साथ पीटाई की गई. इलाज के लिए जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो उसने दम तोड़ दिया. इस दौरान लोग बचाने के बजाय उसके साथ सेल्फी लेते रहे.