फिल्म निर्देशक महेश भट्ट ने नोटबंदी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पीएम मोदी नोटबंदी से कालाधन निकालने की बात कुछ इस हैं जैसे परियों की कहानी.
लाहाबाद में चल रहे अक्षरी नाट्य महोत्सव में शिरकत करने आये महेश भट्ट ने कहा कि ‘गांधी जी कहा करते थे कि जब कभी भी कोई सरकार किसी तरह का फैसला लें तो समाज के आखिरी तबके के आदमी का ख्याल रखें. अब हम देख रहे हैं कि जो फैसला लिया गया है उससे तो अंतिम आदमी ही परेशान हो रहा है.’
उन्होंने कहा कि मोदी जी ने पचास दिन मांगे हैं इसलिये तब तक इन्तजार कर लेना चाहिए, लेकिन उसके बाद भी परेशानी न खत्म हुई तो हम भी मुंह में जुबान रखते हैं. लोकतंत्र में सवाल पूछते रहना चाहिए, इसलिये हम बार बार यह बात कहते रहेंगे कि नोटबंदी से आखिर आम लोगों को परेशानी के साथ मुल्क को क्या मिला?
उन्होंने आगे कहा कि नोटबंदी को लेकर इंडस्ट्री में जल्द ही कोई फिल्म शुरू हो सकती है, जो लोगों को नोटबंदी की सच्चाई दिखाएगी. उन्होंने कहा, नोटबंदी से देश का बुरा हाल है. पैसे न दे पाने की वजह से तमाम फिल्मों की शूटिंग कैंसल करनी पडी है.
उन्होंने मीडिया पर भी सवाल उठाते हुए कहा, मीडिया इस मामले में सच्चाई नहीं दिखा रहा है. लोग कह रहे हैं कि मीडिया सरकार के दबाव में है, इसीलिए सही रिपोर्टिंग कर लोगों की मुश्किल सामने नहीं ला रहा है.