सुप्रीम कोर्ट ने गोविंदा से कहा- 2008 में जिसे मारा था थप्‍पड़, उससे अब माफी मांगिए, पांच लाख रुपए हर्जाना भी दीजिए

सुप्रीम कोर्ट ने नौ फरवरी को संतोष की शिकायत पर आदेश सुनाया। उनकी शिकायत के मुताबिक वह 16 जनवरी, 2008 को गोविंदा की‍ फिल्‍म ‘मनी है तो हनी है’ के सेट पर शूटिंग देखने गए थे। वहीं गोविंदा ने उन्‍हें थप्‍पड़ मारा।

आठ साल पहले एक शख्‍स को थप्‍पड़ मारने के लिए अभिनेता-नेता गोविंदा को सुप्रीम कोर्ट ने माफी मांगने के लिए कहा है। गोविंदा ने बिना शर्त माफी मांगने और पांच लाख रुपए देने की पेशकश की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह शिकायतकर्ता संतो ष राय से मिल कर माफी मांगें। इस पर संतोष ने प्रतिक्रिया दी है, ‘मैं मुआवजे से संतुष्‍ट नहीं हूं। उन्‍हें पहले मुझसे मिलना चाहिए।’

सुप्रीम कोर्ट ने नौ फरवरी को संतोष की शिकायत पर आदेश सुनाया। उनकी शिकायत के मुताबिक वह 16 जनवरी, 2008 को गोविंदा की‍ फिल्‍म ‘मनी है तो हनी है’ के सेट पर शूटिंग देखने गए थे। वहीं उन्‍होंने उन्‍हें थप्‍पड़ मारा। संतोष की शिकायत पर ट्रायल कोर्ट ने गोविंदा के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के खिलाफ गोविंदा हाईकोर्ट गए थे। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि राय गोविंदा के खिलाफ दर्ज शिकायत वापस ले लें। हाईकोर्ट के मुताबिक यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि गोविंदा ने आपराधिक प्रवृत्ति के चलते ऐसा किया था। संतोष का कहना है कि एक्टर ने उसे सरेआम थप्पड़ मारा था। वह 2013 के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए।

9 फरवरी से पहले 1 दिसंबर को सुनवाई हुई थी। उस दिन कोर्ट में जज ने घटना का वीडियो देखा था। वीडियो देख कर एक्‍टर गोविंदा से सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- फिल्‍मी पर्दे पर दिखाए जाने वाले एक्‍शन सीन असल जिंदगी में दोहराए जाने की जरूरत नहीं है। जस्टिस टी.एस. ठाकुर की अगुआई वाली पीठ ने पहले 2008 में हुई घटना का वीडियो क्लिप मोबाइल पर देखा। उसके बाद शिकायतकर्ता संतोष राय से माफी मांगने की सलाह दी। जज ने कहा, ‘आप बड़े हीरो हैं। अब अपना दिल भी बड़ा कीजिए।’ पीठ ने गोविंदा को सलाह दी कि आपको संतोष राय के साथ विवाद सुलझा लेना चाहिए। कोर्ट ने कहा, ‘फिल्‍म स्‍टार को सार्वजनिक जगह पर झगड़े में नहीं उलझना चाहिए। अभिनेता को फिल्‍मी सीन असल जिंदगी में नहीं दोहराना चाहिए। हमें आपकी फिल्‍में देख कर मजा आता है, पर आप किसी को थप्‍पड़ मारें यह हम बर्दाश्‍त नहीं कर सकते।’ यह कहते हुए कोर्ट ने अपील पर सुनवाई की अगली तारीख 9 फरवरी मुकर्रर कर दी थी। (Jansatta)

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