संजय दत्त की रिहाई के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई गुरुवार को टाल दी गई।
मुंबई बम धमाकों के मामले में जेल की सजा काटने के बाद एक्टर संजय दत्त गुरुवार को रिहा हो गए। रिहा होने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए संजय ने कहा, ”23 साल जिसके लिए तरसता रहा, आज वो आजादी का दिन है।” उधर, संजय दत्त की रिहाई के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई गुरुवार को टाल दी गई। कोर्ट ने माना कि चूंकि दत्त रिहा हो गए हैं, इसलिए इस पर सुनवाई को लेकर जल्दबाजी करने की आवश्यकता नहीं है।
और क्या कहा संजय दत्त ने
मैं प्रेस से निवेदन करता हूं कि मुझे आर्म्स एक्ट में सजा हुई है, बम ब्लास्ट केस में नहीं। इसलिए मेरा उससे नाम न जोड़ें। मेरा नाम संजय दत्त है, मैं आतंकवादी नहीं हूं।
सलमान मेरा छोटा भाई है और हमेशा रहेगा। मैं प्रार्थना करता हूं कि वो इससे भी बड़ा स्टार बने।
>मुझे सबसे ज्यादा राहत उस वक्त मिली, जब कोर्ट ने कहा कि तुम आतंकी नहीं है। मेरे पिता सारी जिंदगी यह बात सुनना चाहते थे। मैं उन्हें मिस किया।
मैं जेल में जो 440 रुपए कमाए वो एक अच्छा पति होने के नाते मैंने अपनी पत्नी को दे दिए। मान्यता मेरी ताकत हैं। वो बेटर हाफ नहीं, बेस्ट हाफ हैं।
मुझे भारतीय होने का गर्व है। इसलिए ही र्मैंने बाहर आने के बाद जमीन को चूमा और तिरंगे को सलाम किया।
मैं हिंदुस्तान की धरती से प्यार करता हूं। वो तिरंगा मेरी जिंदगी है। मुझे भारतीय होने पर गर्व है।
आज मैं अपने पिता को याद कर रहा हूं, वह होते तो सबसे ज्यादा खुश वही होते।
मेरी मां मुझे जल्दी छोड़कर चली गईं। यह मेरी जिम्मेदारी थी कि उन्हें बताऊं कि अब मैं आजाद हूं। इसलिए मैं उनकी कब्र पर गया।
मुझे पता है कि मुझे खुद को यह समझाने में वकत लगेगा कि मैं आजाद हो चुका हूं।
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मां की कब्र और सिद्धिविनायक मंदिर गए
इससे पहले, संजय दत्त सुबह आठ बजकर 37 मिनट पर पुणे की यरवदा जेल से बाहर निकले। जेल से निकलने से पहले उन्होंने पुलिसकर्मियों से हाथ मिलाया। इसके बाद जेल से निकलकर धरती को प्रणाम किया। फिर जेल के गेट पर लगे तिरंगे को सलाम किया। जेल से निकलते वक्त उनके हाथ में एक बैग और कुछ फाइलें थी। उनकी पत्नी मान्यता दत्त और फिल्मकार राजकुमार हिरानी संजय को लेने के लिए पुणे पहुंचे थे। मुंबई आने के बाद संजय मुंबई के बड़े कब्रिस्तान गए और मां को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे सिद्धिविनायक मंदिर भी गए।
WATCH: Actor Sanjay Dutt released from Pune's Yerwada Central Jail in the 1993 Mumbai bomb blasts casehttps://t.co/Rt5kH3VD4I
— ANI (@ANI) February 25, 2016
संजय दत्त को 12 मार्च 1993 के मुंबई श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट मामले में अवैध हथियार रखने के लिए पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी। संजय दत्त को 1993 में गिरफ्तार किया गया था। वह विचाराधीन कैदी के रूप में पहले ही 18 महीने की सजा काट चुके थे। मई 2013 में अपनी बाकी बची 42 महीने की सजा काटने के लिए उन्हें जेल भेजा गया। सजा के दौरान संजय दत्त कई बार पैरोल पर बाहर भी आए। इसके चलते विवाद भी हुए। (Jansatta)