बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में मुस्लिम प्रोफेसर द्वारा संस्कृत पढ़ाए जाने के विरोध का मामला बड़ा रूल ले चुका है। ऐसे में एक्टर और बीजेपी के पूर्व सांसद परेश रावल (Paresh Rawal) ने अपनी राय पेश की है। उन्होने कहा कि इस तर्क से तो मोहम्मद रफ़ी को भजन ही नहीं गाने चाहिए थे।
अपने ट्वीट में परेश रावल ने लिखा, ”मैं प्रोफेसर फिरोज खान कि नियुक्ति को लेकर हो रहे विरोध से स्तब्ध हूं। भाषा का धर्म से क्या लेना-देना है। यह तो विडंबना ही है कि प्रोफेसर फिरोज खान ने अपनी मास्टर और पीएचडी संस्कृत में की है। भगवान के लिए यह मूर्खता बंद की जानी चाहिए।”
परेश रावल ने बीएचयू छात्रों के इस प्रदर्शन को लेकर एक अन्य ट्वीट में लिखा, ”इस लॉजिक के मुताबिक मोहम्मद रफी को भजन नहीं गाने चाहिए और नौशाद साबह को इन्हें कंपोज नहीं करना चाहिए।”
By same logic great singer late Shri Mohammad Rafi ji should not have sung any BHAJANS and Naushad Saab should not have composed it !!!!
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) November 19, 2019
बता दें कि 7 नवंबर से से छात्र संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में सहायक प्रोफेसर पद पर डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। छात्र बुधवार को यानी कि 14वें दिन भी धरने पर रहे।
इन सबके बीच बीएचयू इतिहास विभाग के प्रोफेसर एमपी अहिरवार ने अपनी फेसबुक वाल पर लिखा है कि बीएचयू को बनाने और आर्थिक सहयोग करने वालों में मुस्लिम भी पीछे नहीं है। बावजूद इसके एक शिक्षक को अध्यापन से वंचित किया जा रहा है।