मशहूर शास्त्रीय गायक और संगीतकार उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का 89 साल की उम्र में मुम्बई के बांद्रा स्थित अपने घर में रविवार को निधन हो गया। 15 साल पहले वो ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो गए थे और उन्हें लकवा मार गया था। तभी से वे बीमार चल रहे थे, चलने फिरने की हालत में नहीं थे और घर में ही उनका इलाज चल रहा था।
उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के निधन की खबर उनकी बहू नम्रता ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि बहुत ही भारी दिल के साथ बताना पड़ रहा है कि कुछ ही मिनट पहले मेरे ससुर, हमारे परिवार के स्तंभ और देश के लीजेंड, पद्मा विभूषण उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने आज इस दुनिया को अलविदा कह दिया है।
Mujhe abhi abhi ye dukhad khabar mili hai ki mahan shastriya gayak Ustad Ghulam Mustafa Khan Saheb is duniya mein nahi rahe. Ye sunke mujhe bahut dukh hua. Wo gayak to acche the hee par insaaan bhi bahut acche the. pic.twitter.com/l6NImKQ4J9
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) January 17, 2021
उन्होंने कहा, आज सुबह वह स्वस्थ थे। हमारे यहां 24 घंटे नर्स भी उन्हें देखने के लिए रहती थी। मगर मसाज के दौरान वे वॉमिट करने लगे। मैं भागती हुई आई और मैंने देखा कि उनके आखें बंद हैं और वे धीरे-धीरे सांस ले रहे थे। मैंने डॉक्टर को बुलाया मगर तब तक वे शरीर छोड़ चुके थे। पूरा परिवार इस खबर से शॉक्ड है। वे अगर जिंदा रहते तो 3 मार्च को अपने जीवन का 90वां साल पूरा करते।
उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान को 1991 में पद्मश्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म भूषण पुरस्कारों से नवाजा गया था। उनके निधन पर लता मंगेशकर और एआर रहमान ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
The sweetest teacher of all ..May the Ghafoor-ur-Rahim give you a special place in the next world 🌹🌺🌻🌼🌷#UstadGhulamMustafa 🇮🇳 https://t.co/dx9Lhc2cXB
— A.R.Rahman (@arrahman) January 17, 2021
लता ने लिखा- मुझे अभी-अभी ये खबर मिली है कि महान शास्त्रीय गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान नहीं रहे। ये सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। वे गायक तो अच्छे थे ही पर इंसान भी बहुत अच्छे थे। ए आर रहमान ने भी ट्वीट करते हुए लिखा- सभी गुरुओं में सबसे प्यारे।
1931 में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में जन्मे और रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखने वाले गायक गुलाम मुस्तफा खान ने मृणाल सेन की चर्चित फिल्म ‘भुवन शोम’ से अपने गायकी के करियर की शुरुआत की थी। गुलाम मुस्तफा खान ने ‘उमराव जान’, ‘आगमन’, ‘बस्ती’, ‘श्रीमान आशिक’ जैसी फिल्मों में भी अपनी गायकी का नायाब अंदाज पेश किया था। उन्हें संगीत के क्षेत्र में ‘जूनियर तानसेन’ के नाम से भी बुलाया जाता था।