कोरोनावायरस के कारण पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किए जाने को लेकर मशहूर अभिनेता कमल हासन ने पीएम मोदी से कहा कि ये वक्त अमीरों की नहीं बल्कि गरीबों की मदद करने का है।
कमल ने ट्वीट करके लिखा है कि सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए कि 21 दिनों तक लॉकडाउन के दौरान मजदूर और ग्रामीण अपना पेट भरने के लिए कहां जाएंगे और उनकी दूर्दशा को नजरअंदाज नहीं करें। यह महज अमीर उद्योगपतियों की मदद करने का समय नहीं है। छोटे और मध्यम उद्योगों ने हमेशा हमारी अर्थव्यवस्था को बचाया है। जो लोग उन्हें नजरअंदाज कररते हैं, वे अपनी स्थिति खो देंगे, यह इतिहास है।
உயிர் காக்க 21 நாட்கள் உள்ளிருக்க சொல்லும் நேரத்தில்,அணிசேரா தொழிலாளர்கள் எங்ஙனம் பசியாறுவர் என்பதையும் கவனத்தில் கொள்க.
பெருமுதலாளிகளுக்கு மட்டும் உதவும் நேரம் இதுவல்ல. இந்திய நிதிநிலையை என்றும் காத்தவன் சிறுதொழில் செய்பவனே.
அவனை உதாசீனித்தவர் பதவி இழப்பர். இது சரித்திரம்.
— Kamal Haasan (@ikamalhaasan) March 24, 2020
उन्होने एक खत भी ट्विटर पर शेयर किया है। इस ख़त में कमल हासन ने लिखा है, ”कोविड 19 वायरस का प्रकोप बतौर स्टेट और समाज हमारी क्षमताओं की परीक्षा ले रहा है। मैं उन सभी सरकारी कर्मचारियों और हेल्थ वर्कर्स की प्रशंसा करता हूं, जो बिना थके बहादुरी से अपनी सेहत को ख़तरे में डालकर अपना फ़र्ज़ निभाने में जुटे हुए हैं। भारत सरकार और राज्य सरकारों ने वायरस की पहुंच नियंत्रित करने के लिए बड़ी तेज़ी के साथ काम किया है।
जानकार बताते हैं कि अभी हम स्टेज 2 में हैं और स्टेज 3 में जाने से रोकने के लिए सरकार ने अहम क़दम उठाये हैं। मुझे यक़ीन है कि हमारे देशवासी इसकी अहमियत समझेंगे और हम सब मिलकर इस मुश्किल से उबर जाएंगे। जैसा कि आप जानते ही होंगे कि फॉर्मल सेक्टर में काम करने वाली देश की 90 फीसदी से अधिक वर्क फोर्स रोज़ कमाने वाली है।
My open letter to the Honourable Prime Minister @PMOIndia @narendramodi pic.twitter.com/pbgDALg5sQ
— Kamal Haasan (@ikamalhaasan) March 23, 2020
अगर फॉर्मल सेक्टर की भी बात करें तो बहुत से ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्हें एम्प्लॉई वाली सुविधाएं नहीं मिलतीं। ऐसे लोगों की तादाद 95 फीसदी से अधिक है। यह निर्माण कार्य करने वाले, मजदूर, खेतों में काम करने वाले, मछुआरे और लघु उद्योगों में काम करने वाले मजदूर हैं। मैं सरकार को यह पत्र इसलिए लिख रहा हूं कि इन अनसंग हीरोज़ से अपनी नज़र ना हटने दें, जो हमारी अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हैं।”
कमल ने आगे पत्र में मांग की कि ऐसे सभी मजदूरों और डेली वेज वर्कर्स को आर्थिक रूप से मदद जारी रहे। उनके खातों में सीधे पैसा ट्रांसफर करने पर भी विचार किया जा सकता है, ताकि संकट की इस घड़ी में उनकी ज़रूरतें पूरी होती रहें।