बॉलीवुड फिल्म ‘पीपली लाइव’ के सह-निर्माता रहे महमूद फारूकी को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेरिकी रिसर्चर से बलात्कार के एक मामले में बरी कर दिया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए साकेत कोर्ट का फैसला पलटते हुए फारूकी को बरी किया है. इस मामले में निचली अदालत ने उन्हें सात वर्ष कड़ी कैद की सज़ा सुनाई थी. फारूकी पर मार्च, 2015 में एक अमेरिकी रिसर्चर से रेप करने का आरोप लगा था.
न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय की शोधकर्ता 35 वर्षीय अमेरिकी रिसर्चर ने दिल्ली के न्यू डिफेंस कालोनी पुलिस थाने में महमूद फारूकी के खिलाफ मार्च, 2015 में बलात्कार के आरोप में शिकायत दर्ज कराई थी. पीपली लाइव को डायरेक्ट करने वाली अनुषा रिजवी फारूकी महमूद की बीवी हैं.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दोनों के बीच शारीरिक संबंध आपसी सहमति से बनाया गया था या फिर जबरन इसमें डॉउट है, इसलिए उन्हें बरी कर दिया जाए. फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.
साथ ही कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए बांड जमा करने की भी छुट दे दी. कोर्ट ने कहा कि फारूकी को बांड जमा करने की जरूरत नहीं है.