
उन्होंने कहा,’खेर इसके लायक नहीं है। उन्होंने समाज के लिए क्या किया है। और भी बहुत सारे दिग्गज हैं जिन्होंने पंडित समुदाय के लिए काम किया है। पिछले एक साल से उन्होंने(अनुपम खेर) ने राज्य सभा सीट पर अपनी आंखें गड़ा रखी थी।
संजय टिक्कू के मुताबिक, ‘अनुपम खेर के बयानों ने हमें असुरक्षित बना दिया है। खेर के मुताबिक कोई तिरंगा नहीं रखता तो वह राष्ट्रवादी नहीं। वह खुद घाटी क्यों नहीं आ जाते। किसी कश्मीरी परिवार के पंडित से वह नहीं मिले हैं।’ टिक्कू ने कहा कि दूसरे समुदाय के खिलाफ जहर उगलने से कुछ हासिल नहीं होगा। कश्मीर घाटी में 6000-7000 हिंदू रहते हैं, वे उनका मनोबल कैसे बढ़ाएंगे।
बता दें कि पिछले साल अनुपम खेर ने इंटॉलरेंस और अवार्ड वापसी जैसे मुद्दों पर मोदी सरकार का बचाव किया था। उन्होंने अवार्ड लौटाने वाले साहित्यकारों को भी निशाने पर लिया था। साथ ही उन्होंने भारत माता की जय बोलने और जेएनयू जैसे मामलों में भी केंद्र सरकार के रूख का समर्थन किया था।
साभार: boltahindustan.com