कानून जानें- उपहार में दी गयी प्रॉपर्टी को लेकर क्या कहता है कानून

0565666666666

किसी को प्रसन्न करने के लिए धन, वस्त्र या उसके काम या पसंद की वस्तु, जो बिना किसी अपेक्षा के प्रदान की जाती हे, उपहार कहलाती है. उपहार मन की खुशी को प्रकट करने के लिए या किसी को सम्मानित करने के लिए भी दिए जाते हैं इनके बदले में किसी धन की अपेक्षा नहीं की जाती है.वैसे उपहार देना एक सामान्य आदत है लेकिन बहुत से लोग हैं जो इसके कानूनी प्रभावों नहीं जानते होंगे . कई लोग होंगे जो उपहार के कानूनी प्रभावों को नहीं जानते होंगे.

गिफ्ट डीड क्या है ?

गिफ्ट डीड एक तरह का दस्तावेज है, जिसका इस्तेमाल नकद या वस्तु के रूप में किसी उपहार के लेन-देन के समय इस्तेमाल किया जाता है. वहीं उपहार किसी भी चल या अचल संपत्ति का अपनी इच्छा और स्वतंत्र रूप से किया जाने वाला हस्तांतरण है उपहार प्राप्त करने वाला व्यक्ति, उपहार देने वाले व्यक्ति को उपहार की कीमत का भुगतान नहीं करता.

संपत्ति अधिनियम के हस्तांतरण की धारा 122 गिफ्ट डीड को एक क़ानूनी डोक्युमेन्ट्स के रूप में दर्शाती है, जिसमे कहा गया है की उपहार देने वाला बिना किसी रुपयों के प्राप्तकर्ता को उपहार देता हो.इसमें कहा गया है की देने वाले को यह किसी कर,चोरी और अवैध लाभ के लिए नहीं उपयोग किया जाना चाहिए.भारत में, भारतीय रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1 9 08 की धारा 17 के तहत, आपकी संपत्ति के लिए पंजीकरण करने के लिए अनिवार्य है। एक बार जब आपकी संपत्ति पंजीकृत हो जाती है, तो जिस व्यक्ति का पक्ष है, जिस पर संपत्ति पंजीकृत है वह कानूनी मालिक है और परिसर के भीतर होने वाली किसी भी चीज़ के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार है। धन्यवाद और पूछते रहो

पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 17 उप-रजिस्ट्रार के साथ गिफ्ट डीड पंजीकृत करना अनिवार्य है, यदि कोई गिफ्ट डीड पंजीकृत नहीं है, तो संपत्ति का हस्तांतरण मान्य नहीं है. एक बार अगर गिफ्ट डीड प्राप्तकर्ता के पक्ष में पंजीकृत किया जाए तो उसके बाद सिर्फ प्राप्तकर्ता को ही संपत्ति के उत्परिवर्तन के लिए आवेदन करने का अधिकार होता है.

उपहार क्या दिया जा सकता है?

एक वैध उपहार के रूप में निम्नलिखित चीजें आवश्यक हैं :

  • यह अच्छी तरह से अस्तित्व में होना चाहिए.
  • यह हस्तांतरणीय होना चाहिए.
  • यह वर्तमान में मौजूद होना चाहिए. यह भविष्य की संपत्ति नहीं होनी चाहिए.
  • यह असली होना चाहिए

गिफ्ट डीड कैसे पंजीकृत करें?

पंजीकरण अधिनियम, 1 9 08 के प्रावधानों के अनुसार उपहार कार्य का पंजीकरण किया जाता है. पंजीकरण प्रक्रिया में निम्न कदम शामिल हैं. गिफ्ट डीड, उपहार देने वाले व्यक्ति के द्वारा स्टैंप पेपर पर बनाई जाती है.इसको आप वकील की मदद से बनवाते हैं. गिफ्ट डीड बनाते समय उपहार दी जाने वाली वस्तु और उपहार प्राप्त करने वाले व्यक्ति के बारे में स्पष्टता के साथ लिखा हो. स्टैंप डय़ूटी वस्तु की कीमत पर आधारित होती है, साथ ही यह राज्यों के अनुसार अलग-अलग होती है.यदि उपहार किसी रक्त संबंधी को दिया गया है तो स्टैंप डय़ूटी कम होगी. गिफ्ट डीड पर दो प्रत्यक्षदर्शियों के हस्ताक्षर होते हैं. गिफ्ट डीड बनवाने के बाद आपको इसे सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में पंजीकृत कराना होगा। भिन्न होता है.

नाबालिक के सम्बन्ध में

क्योंकि एक नाबालिग के साथ अनुबंध शून्य है, और गिफ्ट डीड एक कानूनी अनुबंध है, नाबालिक दाता बनने के योग्य नहीं हैं और इसलिए गिफ्ट डीड के मामले में नाबालिक कानून की आंखों में मान्य नहीं है.

ऐसी परिस्थिति जहां प्राप्तकर्ता नाबालिक है तो वाहन अभिभावक को उसकी तरफ से उपहार स्वीकार करने का अधिकार है.

जब उपहार को किया जाता है रद्द

संपत्ति अधिनियम के हस्तांतरण की धारा 126 उपहार के निरसन के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान करती है:

दाता और प्राप्तकर्ता का किसी विशेष अवसर या घटना पर उपहार को निरस्त करने का समझौता होना चाहिए.

रद्द होने की शर्त को पूरा करने के लिए स्पष्ट किया जाना चाहिए .

(Lawzgrid – इस लिंक पर जाकर आप ऑनलाइन अधिवक्ता मुहैया कराने वाले एप्लीकेशन मोबाइल में इनस्टॉल कर सकते हैं, कोहराम न्यूज़ के पाठकों के लिए यह सुविधा है की बेहद कम दामों पर आप वकील हायर कर सकते हैं, ना आपको कचहरी जाने की ज़रूरत है ना किसी एजेंट से संपर्क करने की, घर घर बैठे ही अधिवक्ता मुहैया हो जायेगा.)

विज्ञापन