नयी दिल्ली : देश मेंं असहिष्णुता की घटनाओं से उत्पन्न स्थिति' के बारे में लोकसभा में सोमवार को ‘असहिष्णुता' के माहौल में चर्चा शुरु हुई जिसके कारण सदन की कार्यवाही करीब एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी. चर्चा जब दोबारा शुरू हुई तो कई दिग्गज नेताओं ने अपनी बात रखी....
एम के वेणु
गुजरात के पंचायत चुनाव में ग्रामीण इलाकों में भाजपा की हार उसके लिए एक बड़ी चेतावनी है, जहां उसने बारह साल में पहली बार कांग्रेस के हाथों अपना व्यापक जनाधार खो दिया। 31 जिला पंचायतों में से कांग्रेस ने 22 पर जीत हासिल की, जिनमें से अधिकांश...
ढाई साल लगे क़ुरान शरीफ को लिखने में
झारखंड की एक स्कूल टीचर ने अपनी ज़िंदगी के अंधेरे से लड़ते हुए नेत्रहीन लोगों के लिए ब्रेल में कुरान लिखा है. बोकारो के एक स्कूल में हिंदी पढ़ाने वाले वाली नफ़ीस तरीन ने ढाई साल की कड़ी मेहनत के बाद 965 पन्नों...
आज मुसलमानों में औरतों की आजादी और उनकी शिक्षा को लेकर तंज कसे जाते हैं और इसके लिए इस्लान धर्म को जिम्मेदार ठहराया जाता हैं. लेकिन दुनिया ये भूल जाती हैं कि इसी इस्लाम को मानने वाली मुस्लिम महिला ने ही दुनिया को पहली यूनिवर्सिटी दी.
“लेडी ऑफ़ फ़ेज़” के नाम...
शिवाजी, जनता में इसलिए लोकप्रिय नहीं थे क्योंकि वे मुस्लिम-विरोधी थे या वे ब्राह्मणों या गायों की पूजा करते थे। वे जनता के प्रिय इसलिए थे क्योंकि उन्होंने किसानों पर लगान ओर अन्य करों का भार कम किया था। शिवाजी के प्रशासनिक तंत्र का चेहरा मानवीय था और वह...
बनारस: - काफी समय पहले एक फिल्म आई थी 'वक़्त' जिसमे एक बेहतरीन गाना था 'वक़्त की हर शय गुलाम', ‘वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता’ यह आदमी जितना जल्दी समझ लें बेहतर है। आम आदमी इस वक़्त को ही कोस- कोस कर मर जाता है। लेकिन ये वक़्त किसी...
"हम बता नहीं सकते कि हम पर क्या बीतती है, हमने क़ानून को हर चीज़ मुहैया कराई है. मगर क़ानून अंधा, बहरा हो गया है."
हाशिमपुरा मामले के एक पीड़ित मोहम्मद नईम की तकलीफ़ का उनकी इन्हीं बातों से अंदाज़ा लगाया जा सकता है.
इस मामले पर कोर्ट के फ़ैसले ने...
जिस इंसान ने आज तक कोई भी गलती नहीं की है उस इंसान ने आज तक कुछ भी नया करने का ट्राई ही नही किया है। ऐसा ही कुछ मानते थे दुनिया के सबसे महान साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टाइन 14 मार्च तक 1879 जर्मनी के शहर में एक यहूदी परिवार...
अंकुर जैनअहमदाबाद से, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए
भारत में 2006 से 2008 तक हुए बम धमाकों की छह घटनाओं में 120 से ज़्यादा लोग मारे गए और 400 से ज़्यादा घायल हुए थे.
प्रारंभिक जांच में इन बम धमाकों में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर...